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मिथक:आप तो नहीं है इन मिथको के शिकार| Myth: You are not the victim of these myths

वजन कैसे कम करे ? क्या खाए, क्या नहीं खाए ? डाइटिंग से जुड़े कुछ सवाल हमे हमेशा परेशान करते है कुछ खास खाद्य पदार्थो से जुड़े मिथक और उनकी सच्चाई के बारे में बता रहे है

खान पान से सम्बंधित ऐसे ढेरो मिथक है, जिन्हे हम सालो से बदस्तूर मानते आ रहे है हमने कभी उन मिथको के पीछे छिपे तथ्य को जानने की कोशिश ही नहीं की।
खानपान से जुड़े मामलो में नियमित अंतराल पर दुनिया भर में होने वाले तरह तरह के शोध आम लोगो के इस असमंजस की और बढ़ा देते है। पोषण सम्बन्धी ऐसे मिथको को तोडना जरुरी है ताकि हम सही और उचित पोशक आहार खा सके। आइये जाने, खानपान से जुड़े प्रचलित मिथको के पीछे छुपी सच्चाई को:-
 ये बीज नहीं है बेकार |This seed is not useless

मिथक: मांसपेशिया बनने के लिए प्रोटीन खाये 

एक मेडिकल रिसर्च के अनुसार हर दिन ग्रहण की जाने वाली कुल कैलोरी में प्रोटीन की हिस्सेदारी ३० प्रतिसत से ज्यादा नहीं होनी चाहिए वरना शरीर में कीटोन्स की मात्रा बढ़ जाती है भोजन में अधिक प्रोटीन की वजह से फाइबर में कमी आ जाती है अगर आप सेहतमंद रहना चाहते है तो आपको संतुलित आहार लेना चाहिए अगर आपको मांसपेशियाँ बनानी है तो प्रोटीन के साथ अन्य पोषक तत्वों का सेवन भी जरुरी है रेड मीट, अंडे का सफ़ेद हिस्सा, बीन्स,बादाम, स्प्राउट्स,दूध, मछली, ब्रोकली जैसी कई अन्य खाद्य सामग्रियां भी है जो मांसपेशिया बनाने में मददगार होती है।
मिथक: ओमेगा ३ के लिए मछली खाए

यह सच है की मछली ओमेगा ३ का स्रोत  है, पर यह मानना की मछली ओमेगा ३ का एकमात्र स्रोत है, मिथक है सच तो यह है की शाकाहारी और मांसाहारी दोनों स्रोत से हमें ओमेगा ३ फैटी एसिड मिलता है शाकाहारी  लोगो के लिए अलसी ओमेगा ३ का सबसे अच्छा स्रोत है, जबकि मांसाहारियों को यह मछली के सेवन से मिल जाता है साथ ही यह अखरोट मूंगफली,सूरजमुखी,सरसो के बीज, सोयाबीन, स्प्राउट, टोफू, गोभी, हरी बीन्स, ब्रोकली, सलगम, हरी पत्तेदार सब्जियों और स्ट्रॉबरी ,रसभरी जैसे फलो में काफी मात्रा में पाया जाता है अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के वैज्ञानिको की मने तो एक स्वस्थ व्यक्ति को अपने वजन के हिसाब से ओमेगा ३ फैटी एसिड का सेवन करना चाहिए, क्योकि अधिक मात्रा में यह पोशाक तत्व लेने से वजन बढ़ने का खतरा भी रहता है 

मिथक: ब्राउन ब्रेड है सफ़ेद ब्रेड से बेहतर

आजकल लोग सफ़ेद ब्रेड की जगह ब्राउन ब्रेड के सेवन  पर ज्यादा जोर देने लगे है ब्राउन ब्रेड में मौजूद पोशक तत्वों की वजह से लोग इसका सेवन करना पसंद करते है ताकि शरीर को स्वस्थ रखा जा सके पर सच यह है की किसी भी रूप में ब्रेड का सेवन सेहतमंद नहीं है कोपनहेगन यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के एक शोध के अनुसार ब्रेड का ग्लाइसेमिक इंडेक्स ज्यादा होता है सैद्धांतिक रूप  से ज्यादा ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाली चीजों को खाने से भूख  जल्दी जल्दी लगती है और हम ज्यादा खाते है, नतीजतन वजन बढ़ने लगता है एक शोध के मुताबिक अगर आप मोटापे और बुढ़ापे को खुद से दूर रखना चाहती है तो कैंडी, ब्रेड और विस् जैसी कार्बोहाइड्रेट  वाली चीजों का सेवन काम करे सफ़ेद ब्रेड को पोटैशियम ब्रोमेट, बेंजॉयल पेराक्साइड और क्लोरीन डाइऑक्साइड गैस जैसे तत्वों से ब्लीच किया जाता है इसकी वजह से बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है वही ब्राउन ब्रेड में भी कई ऐसी चीजे होती है, जिनका नियमित सेवन सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है 

मिथक: केक खाने से मूड ठीक होता है

जैसे बारिश के मौसम का पकौड़े से कोई सम्बन्ध नहीं है, ठीक वैसे ही मूड का भी केक से कोई लेना देना नहीं है केक सिर्फ एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो वसा से भरपूर है और सेहत के लिए लाभकारी भी  नहीं हमारा मूड यानी व्यवहार हर समय एक जैंसा नहीं रहता कभी हम बहुत ज्यादा खुश होते है तो कभी एकदम उदास ऐसा हार्मोन के असंतुलन के कारण होता है हमारी भावनाये भी मिजाज से ही व्यक्त होती है तो अगली बार अगर मूड ख़राब हो तो उसका कारन जानकर उसी अनुरूप निदान करिये अगर आपको सच में खाने से मूड ठीक करना है तो आपको ऐसे सुपर फ़ूड अपने आहार में शामिल करना चाहिए, जो आपके मूड में जबरदस्त बदलाव ला सके डॉर्क चॉकलेट, अखरोट, केसर, फलिया, ग्रीन टी, कॉफी और मीठा खाने से मूड ठीक हो सकता है।

मिथक: हर दिन अंडा न खाये  
अंडा इंसान के लिए सबसे पौस्टिक  आहारों में से से एक है अक्सर लोगो को  खाने की सलाह भी दी जाती है लेकिन क्या यह सलाह सही है चीन की हुआनझोंग यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलोजी के मुताबिक हर दिन एक अंडा खाने से दिल की बीमारी या अटैक का जोखिम नहीं बढ़ता है लेकिन जिन लोगो को दिल की बीमारी, डायबिटीज या फिर पहले से ही ज्यादा कोलेस्ट्राल की समस्या हो उन्हें हर दिन एक अंडा खाने से बचना चाहिए बाकी लोग एक अंडा रोज खा सकते है, लेकिन अंडा खाने के बाद बहुत ज्यादा तेल, घी या मक्खन वाला खाना खाने से बचना चाहिए एक दूसरा तरीका है की रोज़ अंडा खाते  हुए कभी-कभार उनके बीच से जर्दी निकाल दी जाये अंडे की जर्दी में बहुत ज्यादा कोलेस्ट्राल होता है मुर्गी के एक मध्यम अकार के अंडे में १८६ मिलीग्राम कोलेस्ट्राल होता है एक स्वस्थ व्यस्क इंसान को  एक दिन में ६२ मिलीग्राम कोलेस्ट्राल लेना चाहिए।

 ये बीज नहीं है बेकार |This seed is not useless

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